मैं आज की नारी हुँ
मैं आज की नारी हूँ
पग-पग पर संकट है,
फिर भी नहीं मैं हारी हूँ ।
सुन लो ये दुनिया वाले,
मैं आज की नारी हूँ ।।
समाज ने की घात मुझ पर,
फिर भी हौसला रखी जारी हूँ।
मुझे असहाय समझने वाले,
मैं आज की नारी हूँ ।।
बंधक में रहना स्वीकार नहीं,
अपनी हुनर दिखा रही हूँ ।
अब रोकने से भी नहीं रुकुं,
मैं आज की नारी हूँ ।।
अबला कहना अब बंद करो,
मैं पद्मावती, लक्ष्मीबाई हूँ ।
देखना है मेरा स्वरूप तो,
मैं ही दुर्गा, मैं ही काली हूँ ।।
दुनिया वाले अब न रोको,
मैं भी कभी न हारी हूँ ।
सारा जहाँ मुझ से ही है,
मैं मां-पिता की दुलारी हूँ ।।
मैं कल्पना, सिंधु, साइना,
मैं हिमा, मीरा, अहिल्याबाई हूँ।
हमें कमजोर समझने वाले,
हां मैं आज की नारी हूँ।।
✍अंकित राज
rajankitmaurya.blogspot.com
Bittu Raj
07-May-2022 03:45 PM
Good 👌👌👌
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Swati chourasia
17-Nov-2021 07:33 PM
Very nice 👌
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Renu Singh"Radhe "
17-Nov-2021 07:33 PM
बहुत खूब
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